
Spot trading क्या होती है?
Spot trading का आसान भाषा में मतलब है अलग अलग तरह की चीजों को खरीदना या बेचना, जैसे कि अंतराष्ट्रीय पैसे, वस्तुएं और कोई अन्य पैसों से संबंधित वस्तुएं जिन्हें एक spot date पर डिलीवर करना जरूरी है। यह व्यापार पारंपरिक वित्तीय बाजारों में भी प्रचलित है, जहां लोग स्टॉक्स, कमोडिटीज़ और करेंसीज़ की ट्रेडिंग करते हैं।
Cryptocurrency का बाजार ट्रेडर्स को अलग अलग तरह के डिजिटल वस्तुएं का spot trading में सहायता करता है। Spot trading जिसका अर्थ होता है कि आपको किसी मूल्यवान वस्तु के बदले में उसी वक्त भुगतान किया जाएगा, यानी इसमें कोई देरी नहीं होती और यह तत्काल सेटलमेंट पर आधारित होता है।
Spot Trading कैसे काम करता है?
किसी भी चीज का उसके वर्तमान समय में मूल्य उसका spot price कहलाता है। यही वह दाम या मूल्य है जिसके आधार पर वह उस वस्तु को खरीद या बेच सकता है। Spot trading के जरिए आप अपनी cryptocurrency को exchange platforms पर खरीद या बेच सकते हैं। यह transaction या भुगतान उसी समय कर दिया जाता है, इसलिए इसे spot trading (हाजिर व्यापार) कहते हैं। इसके विपरीत, futures trading में एक निश्चित तारीख पर सेटलमेंट किया जाता है।
Spot market (बाजार) में खरीदार (Buyers), बेचने वाले (Sellers) और order book होती हैं। खरीदार एक order लगाते हैं निर्धारित मूल्य के साथ किसी भी cryptocurrency/token पर। बेचने वाले order लगाते हैं कि उन्हें उन वस्तुओं को कितने मूल्य में बेचना है।
Bid (बोली) और Ask (मांग) का अर्थ:
Bid (बोली) क्या होती है?
- Bid (बोली): इसका अर्थ है कि खरीदार किसी वस्तु को अधिकतम कितने मूल्य में खरीदना चाहता है। यह उसकी बोली कहलाती है। अधिकतर cases में यह market price से थोड़ा कम होती है।
Ask (मांग) का क्या अर्थ है?
- Ask (मांग): इसका अर्थ है कि एक seller (बेचने वाला) अपने cryptocurrency/token को न्यूनतम कितने मूल्य में बेचना चाहता है। Sellers आमतौर पर ज्यादा लाभ के लिए market price से थोड़ा ज्यादा कीमत मांगते हैं।
Order Book और Market Depth
- Bid और Ask फिर order book में डाली जाती है। एक order book के दो पहलू होते हैं, पहले पहलू में खरीदार होते हैं जो बोली लगाते हैं और दूसरे पहलू में बेचने वाले होते हैं जो मांग करते हैं। Order book में हरा रंग खरीदारों को दर्शाता है, और लाल रंग बेचने वालों को दर्शाता है। यह order book ट्रेडर्स को liquidity और market depth की जानकारी प्रदान करती है।

Spot Trading की विशेषताएँ
- तत्काल भुगतान: इस प्रकार की ट्रेडिंग में भुगतान और लेनदेन तत्काल होता है, जिससे इसमें कोई भविष्य की अनिश्चितता नहीं रहती।
- प्राकृतिक मांग और आपूर्ति: Spot trading पूरी तरह demand और supply पर निर्भर होती है, जिसका अर्थ यह है कि कोई भी कृत्रिम हस्तक्षेप इसमें नहीं होता।
- बाजार की पारदर्शिता: इसमें खरीदार और विक्रेता के बीच सीधा लेनदेन होता है, जिससे कीमतें अधिक पारदर्शी होती हैं और कोई छिपा हुआ शुल्क या लागत नहीं होती।
- कोई Leverage नहीं: Spot trading में कोई leverage नहीं होता, जिसका मतलब है कि आप जितनी राशि के crypto खरीद सकते हैं, उतनी ही व्यापार कर सकते हैं। यह margin trading से अलग होता है, जहां उधारी ली जा सकती है।
Spot Trading vs. Margin Trading
Spot trading और margin trading के बीच अंतर यह है कि spot trading में आपको पूरा भुगतान करना होता है और आपको तुरन्त crypto मिल जाती है। वहीं, margin trading में आप उधार लेकर भी व्यापार कर सकते हैं, जिसमें जोखिम अधिक होता है। Margin trading में छोटी पूंजी से भी बड़ी मात्रा में trade किया जा सकता है, लेकिन इसमें liquidation का जोखिम रहता है।
Spot Trading कैसे करें?
- Crypto Exchange चुनें: सबसे पहले एक अच्छे और भरोसेमंद crypto exchange को चुनें, जैसे कि Binance, WazirX, CoinDCX आदि।
- एक अकाउंट बनाएँ: जिस भी प्लेटफार्म पर आप ट्रेडिंग करना चाहते हैं, वहाँ पर रजिस्ट्रेशन करें और KYC पूरा करें।
- फंड जमा करें: ट्रेडिंग शुरू करने के लिए अपने वॉलेट में पैसे या cryptocurrency जोड़ें। यह सुनिश्चित करें कि exchange प्लेटफॉर्म सुरक्षित और भरोसेमंद हो।
- Market को समझें: Spot price और order book को देखकर ट्रेडिंग करें ताकि आपको सही समय पर खरीदने और बेचने का निर्णय लेने में मदद मिले।
- Buy/Sell ऑर्डर प्लेस करें: Spot market में किसी भी cryptocurrency को खरीदने के लिए buy order लगाएँ और बेचने के लिए sell order लगाएँ। कुछ प्लेटफार्म advanced trading tools भी प्रदान करते हैं, जैसे कि stop-loss और limit orders।
- Price Monitoring करें: Spot trading में आपको बाजार की कीमतों पर नज़र रखनी होती है ताकि सही समय पर decision लिया जा सके।
Spot Trading से लाभ कैसे कमाएँ?
- Crypto को dip में खरीदें और high पर बेचें: बाजार में जब कीमतें कम होती हैं, तो crypto खरीदें और जब कीमतें अधिक हो जाएँ तो बेच दें।
- Short-Term और Long-Term Trading: Spot trading में आप short-term या long-term निवेश कर सकते हैं। अगर आपको जल्दी लाभ चाहिए तो short-term trading करें, अन्यथा long-term hold करना भी एक अच्छा विकल्प है।
- Market trends को समझें: Spot market बहुत तेज़ी से बदलता रहता है, इसलिए हमेशा market analysis करें। Price action, support और resistance को समझकर निर्णय लें।
- Stop Loss और Take Profit का उपयोग करें: Spot trading में जोखिम कम करने के लिए stop loss और take profit जैसे orders का उपयोग करें। यह आपको नुकसान से बचाने में मदद करता है।
Spot Trading में संभावित जोखिम
- बाजार अस्थिरता: Cryptocurrency बाजार में तेजी से उतार-चढ़ाव आता है। यह मुख्य रूप से global news, regulations और whale traders द्वारा प्रभावित होता है।
- Liquidity Risk: कुछ कम लोकप्रिय cryptocurrencies में liquidity कम हो सकती है, जिससे उन्हें बेचना मुश्किल हो सकता है।
- Exchange Risk: अगर आप एक कमजोर exchange पर ट्रेड कर रहे हैं तो वहाँ security issues आ सकते हैं। इसलिए हमेशा सुरक्षित और प्रमाणित exchange पर ही ट्रेड करें।
निष्कर्ष:
Spot trading एक सरल और सबसे सामान्य तरीका है cryptocurrency खरीदने और बेचने का। इसमें आपको तुरंत भुगतान करना होता है और उसी समय transaction पूरा हो जाता है। लेकिन यह ध्यान रखना जरूरी है कि crypto market अस्थिर होता है, और इसमें लाभ और हानि दोनों संभावित हैं। सही रणनीति और जोखिम प्रबंधन अपनाकर आप spot trading से अच्छा लाभ कमा सकते हैं। साथ ही, हमेशा DYOR (Do Your Own Research) करें और जल्दबाजी में निर्णय लेने से बचें।