Crypto Trading
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Crypto Trading में मेकर और टेकर: फीस बचाने का सही तरीका-2025

Crypto Trading आज के समय में निवेशकों और ट्रेडर्स के लिए एक बड़ा अवसर बन चुका है। लेकिन, Crypto Trading में सफलता पाने के लिए सिर्फ मार्केट की समझ होना ही काफी नहीं है। आपको यह भी पता होना चाहिए कि मेकर (Maker) और टेकर (Taker) क्या होते हैं और यह आपकी ट्रेडिंग फीस को कैसे प्रभावित करते हैं। अगर आप इन बातों को नज़रअंदाज़ करते हैं, तो हो सकता है कि आपकी कमाई का एक बड़ा हिस्सा फीस में चला जाए।

मैंने भी जब पहली बार Crypto Trading शुरू की थी, तो मेकर और टेकर के बारे में ज्यादा नहीं जानता था। मुझे लगता था कि बस सही समय पर खरीदो और बेच दो, फायदा हो जाएगा। लेकिन, जब मैंने पहली बार फीस का लेखा-जोखा देखा, तो मैं हैरान रह गया। मेरी कमाई का एक बड़ा हिस्सा फीस में चला गया था। उस दिन मैंने ठान लिया कि मुझे मेकर और टेकर के बारे में गहराई से समझना होगा।

इस ब्लॉग में, मैं आपको सरल भाषा में समझाऊंगा कि मेकर और टेकर क्या होते हैं, यह कैसे काम करते हैं, और Crypto Trading में फीस का क्या प्रभाव पड़ता है। तो चलिए, शुरू करते हैं!

Crypto Trading में स्पॉट ट्रेडिंग क्या है?

स्पॉट ट्रेडिंग का मतलब है किसी भी वस्तु या एसेट को उसके वर्तमान मूल्य (स्पॉट प्राइस) पर खरीदना या बेचना। क्रिप्टोकरेंसी(Cryptocurrency) के मामले में, स्पॉट ट्रेडिंग का मतलब है कि आप बिटकॉइन, एथेरियम, या किसी अन्य क्रिप्टोकरेंसी(Cryptocurrency) को उसके मौजूदा बाजार मूल्य पर खरीद या बेच सकते हैं।

स्पॉट ट्रेडिंग में, ट्रांजैक्शन तुरंत होता है, यानी आप क्रिप्टो(Crypto) खरीदते हैं और उसी पल उसका भुगतान कर देते हैं। इसीलिए इसे “स्पॉट ट्रेडिंग(Spot Trading)” भी कहा जाता है।

स्पॉट मार्केट कैसे काम करता है?

स्पॉट मार्केट में दो मुख्य पक्ष होते हैं:

  1. खरीदार (Buyers): यह वह लोग होते हैं जो क्रिप्टोकरेंसी(Cryptocurrency) को खरीदना चाहते हैं।
  2. बेचने वाले (Sellers): यह वह लोग होते हैं जो क्रिप्टोकरेंसी(Cryptocurrency) को बेचना चाहते हैं।

हर खरीदार और बेचने वाला एक ऑर्डर (Order) लगाता है, जिसमें वह बताता है कि वह किस कीमत पर खरीदना या बेचना चाहता है। इन ऑर्डर्स को एक ऑर्डर बुक (Order Book) में रखा जाता है।

ऑर्डर बुक(Order Book) क्या होती है?

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ऑर्डर बुक एक डिजिटल रिकॉर्ड होती है जहां सभी खरीदारों और बेचने वालों के ऑर्डर्स को दर्ज किया जाता है। इसमें दो मुख्य भाग होते हैं:

  1. बिड (Bid): यह वह कीमत होती है जो खरीदार क्रिप्टोकरेंसी(Cryptocurrency) के लिए देने को तैयार होते हैं।
  2. आस्क (Ask): यह वह कीमत होती है जो बेचने वाले क्रिप्टोकरेंसी(Cryptocurrency) के लिए मांगते हैं।

ऑर्डर बुक में, हरा रंग खरीदारों को दर्शाता है, जबकि लाल रंग बेचने वालों को दर्शाता है। जब बिड(Bid) और आस्क(Ask) की कीमतें मेल खाती हैं, तो ट्रांजैक्शन हो जाता है।

मेकर और टेकर क्या होते हैं?

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क्रिप्टो ट्रेडिंग में, मेकर और टेकर दो अलग-अलग भूमिकाएं होती हैं जो आपकी ट्रेडिंग फीस को प्रभावित करती हैं।

1. मेकर (Maker)

मेकर वह व्यक्ति होता है जो ऑर्डर बुक में एक नया ऑर्डर जोड़ता है। यह ऑर्डर तुरंत नहीं भरता है, बल्कि बाजार में लिक्विडिटी (Liquidity) जोड़ता है।

उदाहरण:

मान लीजिए आप बिटकॉइन को 30,000 की कीमत पर खरीदना चाहते हैं ,लेकिन मार्केट में इस समय बिटकॉइन की कीमत 31,000 है। आप 30,000 पर एक ऑर्डर लगाते हैं और इंतज़ार करते हैं कि कोई इसे बेचे। जब तक यह ऑर्डर भरता नहीं है, आप एक मेकर हैं।

मेकर को एक्सचेंज कम फीस लगाता है क्योंकि वह बाजार में लिक्विडिटी(Liquidity) जोड़ता है।

2. टेकर (Taker)

टेकर वह व्यक्ति होता है जो ऑर्डर बुक में पहले से मौजूद ऑर्डर को तुरंत भरता है। यानी, टेकर मार्केट में मौजूद लिक्विडिटी का इस्तेमाल करता है।

उदाहरण:

मान लीजिए आप बिटकॉइन को 31,000 की कीमत पर खरीदना चाहते हैं, और मार्केट में पहले से ही कोई 31,000 पर बिटकॉइन बेचने का ऑर्डर लगा हुआ है। आप उस ऑर्डर को तुरंत भर देते हैं। इस स्थिति में, आप एक टेकर हैं।

टेकर को एक्सचेंज ज्यादा फीस लगाता है क्योंकि वह मार्केट से लिक्विडिटी लेता है।

मेकर और टेकर फीस कैसे काम करती है?

क्रिप्टो(Crypto) एक्सचेंज मेकर और टेकर को अलग-अलग फीस लगाते हैं। आमतौर पर, मेकर फीस, टेकर फीस से कम होती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मेकर ऑर्डर बुक में लिक्विडिटी जोड़ते हैं, जो एक्सचेंज के लिए फायदेमंद होता है।

फीस के उदाहरण:

  • बिनेंस (Binance): मेकर फीस 0.1% और टेकर फीस 0.1% (लेकिन अगर आप BNB टोकन का उपयोग करते हैं, तो फीस कम हो जाती है)।
  • कॉइनबेस (Coinbase): मेकर फीस 0.4% और टेकर फीस 0.6%।

मेकर और टेकर में क्या अंतर है?

पहलूमेकर (Maker)टेकर (Taker)
ऑर्डरनया ऑर्डर जोड़ता हैपहले से मौजूद ऑर्डर को भरता है
फीसकम फीसज्यादा फीस
लिक्विडिटीबाजार में लिक्विडिटी जोड़ता हैबाजार से लिक्विडिटी लेता है
उदाहरण$30,000 पर बिटकॉइन खरीदने का ऑर्डर लगाना$31,000 पर बिटकॉइन खरीदना

मेकर बनें या टेकर?

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यह निर्णय आपकी ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी पर निर्भर करता है। अगर आप लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टर हैं, तो मेकर बनना आपके लिए बेहतर हो सकता है। लेकिन अगर आप डे ट्रेडर हैं और तेजी से ट्रेड करना चाहते हैं, तो टेकर बनना जरूरी हो सकता है।

निष्कर्ष

Crypto Trading में सफलता पाने के लिए मेकर और टेकर की भूमिका को समझना बहुत जरूरी है। सही स्ट्रैटेजी और फीस मैनेजमेंट से आप अपनी कमाई को बढ़ा सकते हैं। तो, अगली बार जब आप ट्रेड करें, तो ध्यान रखें कि आप मेकर बन रहे हैं या टेकर!

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